आज लॉकडाऊन के दूसरे चरण में हमारे प्रधानमंत्री जी ने लॉकडाऊन की अवधि का बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया। माननीय प्रधानमंत्री जी की सोच राष्ट्रीय हितेशी है और हो भी क्यों न राष्ट्र के लिए ही तो उन्हे चुना गया है। लेकिन एक बार फिर से कोरोना वायरस से मध्यम वर्ग पर एक विपदा आने वाली है इस विपदा में गऱीबों के लिए राशन/खाना मुफ़्त जो कि मानवीय आधार पर बहुत सही भी है।
सरकार ने ये तो कह दिया कोई मकान मालिक अपने किराएदारों से किराया ना लें, तो क्या सरकार बैंकों को नहीं कह सकती कि जिन मकान मालिकों ने लोन लिया है वे इस विपदा में लोक डाउन के समय की किस्तों को माफ़ कर दें। सरकार ने ये तो कह दिया जिन लोगों के लघु उद्योग है बैंकों से लोन लिया है उनको कह दिया वे अपने कर्मचारियों को नौकरी से न निकाले।
उनको वेतन भी दे एक तो उनके व्यवसाय पहले ही बन्द पड़ें हैं ऊपर से बैंक की किस्त ऊपर से कर्मचारियों का वेतन कब तक पिस्ता रहेगा मध्यम वर्ग इनके बारे में सोचने वाला है कोई। स्कूल के बच्चों की फ़ीस देने की तारीख़ बढ़ा दी पर फीस माफ़ नहीं की, बिजली पानी, बैंक की किस्तें सब चीज़ों में तारीख़ बढ़ा दी पर कहीं पर भी मध्यम वर्गीय परिवारों को कोई राहत मिलती नजऱ नहीं आ रही। अगर बात अच्छी लगे तो सरकार तक पहुंचाने में मदद करें।